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Friday, April 30, 2021

4/30/2021 09:27:00 AM

Book Review - Antima By Manav Kaul

 Book Review - Antima By Manav Kaul

antima by manav kaul
ANTIMA BY MANAV KAUL

किसी भी लेखक के लिए लिखना उसकी पूंजी होती है । लेखन एक प्रक्रिया है जो निरन्तर चलती है, कभी कहानी
आपको खोज लेती है तो कभी आप कहानी हो ।लेखन के ऐसे ही कई दावपेंच बताती है समझाती है अंतिमा ।
लेखक और अभिनेता मानव कौल की ये उपन्यास कहानी के साथ साथ लेखक के मन में उठने वाले सवालो को भी बताती है । किरदारों की सजावट बहुत बारीकी और बहुत उम्दा ढंग से की गई है । पाठको को इस उपन्यास में मानव जी की मनःस्थिति का भी आभास होता है जो उन्होंने महसूस की होगी इसे लिखते समय । इसकी भाषा बेहद सरल और बहुत आम है जो हम अक्सर अपने दैनिक जीवन शैली में इस्तेमाल करते है । अंतिमा एक उपन्यास है जो लिखने वालों की मनःस्थिति औऱ कहानी दोनों का बदलना और सम्भलना बताती है ।


मानव कौल के लेखन में आप खुद को कहानी का हिस्सा पाएंगे। एक वक्त के बाद खुद को कहानी से अलग कर पाना असंभव सा लगता है । मैं इससे ज्यादा कुछ नही कह सकता कि हर किसी के लिए ये उपन्यास एक अलग यात्रा होगी ।

About the Author

मानव कौल बीस सालों से फिल्मी दुनिया का हिस्सा बने हुए है । उनकी कई फिल्में सुपरहिट रही है । मानव कौल को अभिनय से उतना ही प्रेम है जितना उन्हें लिखने से है । अंतिमा से पहले भी उनकी पांच किताबें पाठको के दिल को छू चुकी है जिनमे, ठीक तुम्हारे पीछे, प्रेम कबूतर, तुम्हारे बारे में बहुत दूर कितना दूर होता है और चलता फिरता प्रेत शामिल है ।

Product description

Publisher : Hind Yugm; First edition (18 December 2020);
Address: Hind Yugm, C-31, Sector-20, Noida (UP)-201301
Language : Hindi
Paperback : 224 pages
ISBN-10 : 8194653851
ISBN-13 : 978-8194653851
Country of Origin : India

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अगर आपने अंतिमा पढ़ी है तो अपने सुझाव जरूर हमारे साथ साझा कीजिये । मैं किसी किताब को rating के दायरे में नही बांधना चाहता । इसलिए अंतिमा को पढ़े और खुद तय करे ।