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Saturday, October 02, 2021

10/02/2021 05:22:00 AM

Adhura Ishq Quotes and unheard shayari in Hindi


Adhura Ishq Quotes and Unheard Shayari in Hindi



आज बहुत दिनों के बाद मैं फिर से आपके सामने हूँ, अपने कुछ विचार quotes औऱ shayari को ले कर । कुछ adhura ishq तो कुछ unheard shayari मैं आज आपके लिए ले कर आया हूं ।
कई लोगो ने पूछा है मुझसे की ये सब लिखता कैसे हूँ । ये भावनाएं, ये विचार आते कहाँ से है । तो मेरा एक ही जवाब होता है की कुछ विचार मेरे है तो कुछ भावनाएं आपकी दी हुई । कुछ किस्से मेरे है तो कुछ कहानिया अपनो और गैरो की सुनी सुनाई । तो चलिए अब आपको और bore न करते हुए,
पढ़ते है कुछ विचार और कुछ अनकहे जज्बात ।।

Adhura Ishq Quotes and unheard shayari in Hindi




मुझे नहीं चाहिए तेरी मोहब्बत के बाद वाली दोस्ती,
तू मुझे मेरी मोहब्बत की तरह ही याद चाहिए ।।
-Ajasha


बहुत मुश्किल से मिला था वो शख्स मुझे,
जिसने बहुत मुश्किल कर दी जिंदगी मेरी ।।
-Ajasha




मुश्किल नही है तेरे बिना जीना,


बस तेरे बिना जीना,
मैं चाहता नहीं हूं ।।
-Ajasha

तुम याद हो मुझे,
किसी बुरे सपने की तरह,


एक दिन भूलूंगा तुम्हें,
ठीक एक सपने की तरह ।।
-Ajasha
इस शहर में लोग आज भी तुम्हें मेरे नाम से जानते है,


और तुम्हें लगता है,
तुमने बहुत नाम कमाया है शहर में ।।
-Ajasha

मैं लिखूंगा तेरा नाम अपनी हथेली में,


कम से कम तुम कही तो मेरी रहोगी ।।
-Ajasha

कल रात चांद और मैं,
ना जाने कब तक तुम्हारी बातें करते रहे,


आखिर थक कर चाँद सो गया,
और मैं यूँ ही बड़बड़ाता रहा ।।
-Ajasha
मोहब्बत बेच आये जमाने में,
अब दामन में छुपाने को बचा क्या है,


तुम जो दम भर रहे हो,
दूर हो जाने का,


वापस आ भी गए,
तो अब मोहब्बत करने को बचा क्या है ?
-Ajasha

वो अपना दिल,
फिर कही छोड़ आया है,


मोहब्बत का वादा मुझसे करके,
वो फिर कही दिल जोड़ आया है,


क्या मालूम कैसा है इश्क़ उसका,
भरे बाजार मुझे अजनबी बता,
वो फिर किसी अजनबी को अपना बना आया है ।।
-Ajasha



Saturday, September 18, 2021

9/18/2021 11:02:00 PM

Book Review - Dehati Ladke by Shashank Bhartiya

Book Review - Dehati Ladke by Shashank Bhartiya

देहाती लड़के BY शशांक भारतीय
Pic courtesy Hind yugm and shashak bhartiya


उपन्यास : देहाती लड़के
लेखक : Shashank Bhartiya
प्रकाशन : Hind Yugm 

शशांक भारतीय की यह उपन्यास तीन दोस्तो की कहानी है । राजरतन सिंह चौहान, शशांक और युवान । कालेज लाइफ और कॉलेज प्रेम पर आधारित ये उपन्यास हजारो लाखों युवाओ की जिंदगी के किसी न किसी हिस्से को छूती जरूर है,
फिर वो कालेज के पहला दिन हो या कैंटीन में बिताए पल, फिर बात दोस्तो के बीच के हँसी मजाक की हो या कालेज में नए नए प्रेम के एहसास की ।

उपन्यास तीन ऐसे दोस्तो की कहानी है जो तीन अलग अलग पृष्ठभूमि से आते है । कालेज में उनका मिलना होता है और दोस्ती की शुरुआत हो जाती है, इंसानी फितरत है वो प्रेम के बिना नही रह सकता । तो कालेज में होने वाले प्रेम का आना तो तय था । जहाँ प्रेम है वहाँ जलन ईर्ष्या गुस्सा गलतफहमी, रोमांस ना हो तो प्रेम प्रेम नही होता ।
इस उपन्यास में इन भावनाओ को बहुत बखूबी से लिखा है शशांक जी ने । और फिर दिल का टूटना और जिंदगी का आगे बढ़ना ।

यह उपन्यास एक आम लड़के की जिंदगी में आने वाली परेशानियों को बखुबी बताती है । जिनमें मां बाप की उम्मीदें, समाज मे नाम बनाने का भय, प्रेम ना मिलने का डर, जिंदगी में कुछ ना कर पाने की भूख और लोगो के बीच पीछे रह जाने के सपने है । इस उपन्यास में शशांक जी ने कई कटाक्ष भी किये है जो आज की दुनिया में व्याप्त शिक्षा प्रणाली, वुमन इम्प्वारमेंट जैसे विषयों पर बहुत सही बैठते है ।

कहानी :

यह एक ग्रामीण इलाके के लड़के रजत की कहानी है, जो गांव के स्कूल से पढ़कर अपनी उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ शहर में आता है। अधिकारी बनने की उच्च आकांक्षाएं, अपने शिष्टाचार में मामूली देसीपन, वह कॉलेज के आसपास अपने तरीके से संघर्ष करता है। शहर और कॉलेज उसका अवशोषण करना शुरू कर देते हैं और वह शहर के तरीकों को अपनाने की कोशिश करने लगता है। घटनाओं के मोड़ में एक क्लासी लड़की और दो विपरीत प्रकृति के लड़कों से उसकी मुलाकात होती है। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और फिर कुछ दिलचस्प चीजें होने लगती हैं। समय बीतने के साथ, करियर के लिए दबाव और दोस्तों के साथ गलतफहमी उनके रास्ते अलग कर देती है।
राजरतन सिंह चौहान एक आयकर दफ्तर में ऑफिसर है जहां उससे मिलने उनकी दोस्त दिशा धावल आती है । इस मुलाकात से उसे अपने कॉलेज के दिन और कॉलेज का पहला प्यार याद आता है । उसे लखनऊ जाना है युवान की सगाई हो रही हैं । शशांक से उसकी बात चीत बंद है । प्रेरणा उसका प्रेम थी पर अब प्रेरणा और रजत का रिश्ता टूट गया है । ये प्रेरणा कौन है ? उनका रिश्ता क्यों टूटा ? रजत और शशांक की बात चीत क्यों बन्द है ? क्या प्रेरणा ने रजत को धोखा दिया है? उनका रिश्ता क्यों टूटा ? ऐसे कई सारे सवाल है जिनका जवाब आपको इस उपन्यास के पन्नो को उलटने पर ही मिलेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े और मूल रूप से गोंडा, उत्तर प्रदेश के निवासी शशांक ने अपना स्नातक और कॉम्पिटिशन की तैयारी लखनऊ शहर में रहकर की। शशांक वर्तमान में पुणे ज़ोन में इनकम टेक्स इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं।


Product description

  • Publisher ‏ : ‎ Hind Yugm / Westland (20 April 2019)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 256 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 9387894908
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9387894907

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Friday, April 30, 2021

4/30/2021 09:27:00 AM

Book Review - Antima By Manav Kaul

 Book Review - Antima By Manav Kaul

antima by manav kaul
ANTIMA BY MANAV KAUL

किसी भी लेखक के लिए लिखना उसकी पूंजी होती है । लेखन एक प्रक्रिया है जो निरन्तर चलती है, कभी कहानी
आपको खोज लेती है तो कभी आप कहानी हो ।लेखन के ऐसे ही कई दावपेंच बताती है समझाती है अंतिमा ।
लेखक और अभिनेता मानव कौल की ये उपन्यास कहानी के साथ साथ लेखक के मन में उठने वाले सवालो को भी बताती है । किरदारों की सजावट बहुत बारीकी और बहुत उम्दा ढंग से की गई है । पाठको को इस उपन्यास में मानव जी की मनःस्थिति का भी आभास होता है जो उन्होंने महसूस की होगी इसे लिखते समय । इसकी भाषा बेहद सरल और बहुत आम है जो हम अक्सर अपने दैनिक जीवन शैली में इस्तेमाल करते है । अंतिमा एक उपन्यास है जो लिखने वालों की मनःस्थिति औऱ कहानी दोनों का बदलना और सम्भलना बताती है ।


मानव कौल के लेखन में आप खुद को कहानी का हिस्सा पाएंगे। एक वक्त के बाद खुद को कहानी से अलग कर पाना असंभव सा लगता है । मैं इससे ज्यादा कुछ नही कह सकता कि हर किसी के लिए ये उपन्यास एक अलग यात्रा होगी ।

About the Author

मानव कौल बीस सालों से फिल्मी दुनिया का हिस्सा बने हुए है । उनकी कई फिल्में सुपरहिट रही है । मानव कौल को अभिनय से उतना ही प्रेम है जितना उन्हें लिखने से है । अंतिमा से पहले भी उनकी पांच किताबें पाठको के दिल को छू चुकी है जिनमे, ठीक तुम्हारे पीछे, प्रेम कबूतर, तुम्हारे बारे में बहुत दूर कितना दूर होता है और चलता फिरता प्रेत शामिल है ।

Product description

Publisher : Hind Yugm; First edition (18 December 2020);
Address: Hind Yugm, C-31, Sector-20, Noida (UP)-201301
Language : Hindi
Paperback : 224 pages
ISBN-10 : 8194653851
ISBN-13 : 978-8194653851
Country of Origin : India

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अगर आपने अंतिमा पढ़ी है तो अपने सुझाव जरूर हमारे साथ साझा कीजिये । मैं किसी किताब को rating के दायरे में नही बांधना चाहता । इसलिए अंतिमा को पढ़े और खुद तय करे ।