It's all about love and feelings

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Thursday, August 30, 2018

8/30/2018 09:50:00 PM

LOVE SHAYARI : MOHABBAT SE ANJAAN HUN MAI

LOVE SHAYARI : मोहब्बत से अनजान हूँ मैं ।


इश्क़ के कायदे नही जानता
प्यार के कसीदे नही पहचानता
इस दुनिया में नन्ही सी जान हूँ मैं
मोहब्बत से अनजान हूँ मैं ।

छोटा सा शख्स हूँ
अपनी औकात नही जानता
इश्क़ की गली में बेनाम हूँ मैं
इस मोहब्ब्त से अनजान हूँ मैं ।

उसकी खुशी चाहता हूं
उसकी खुशी मांगता हूं
सिर्फ तेरे लिए बदनाम हूँ मैं
हां इस मोहब्ब्त से अनजान हूँ मैं। 

©Ajasha

Monday, August 27, 2018

8/27/2018 10:04:00 PM

FRIENDSHIP POETRY : ISKE ALAWA MUJHE KUCH NAHI CHAHIYE :- AJASHA

this blog is dedicated to one of my dearest friend.
I love your smile dear. so please keep smiling and be happy.
I know I am not very close to you. but I am always there for you.
#friendhip #newbondings

 FRIENDSHIP POETRY : इसके अलावा मुझे कुछ नही चाहिए

अखिर कौन हो तुम
लाखो की भीड़ में भी अलग सी हो तुम
कैसे बताऊँ की आखिर क्या हो तुम,
मेरे अल्फ़ाज़ भी मायूस है
क्योंकि तुम्हे बयान कर पाए ऐसे लफ्ज़ ही नही है ,
मांगा भी है तो बस तुम्हारी खुशी
इसके सिवा किसी चीज़ की जरूरत कहाँ
दिल को सुकून देती है तुम्हारी वो प्यारी सी हँसी,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हँसी चाहिए
उस चेहरे की मुस्कान कभी कम न हो
वो आंखे कभी नम न हो
इसके अलावा मुझे कुछ नही चाहिए ।


बहुत सी हसीनाओं से मिला हूँ
पर तुम्हे बहुत अलग पाया है मैंने,
तुम्हे अपनी तारीफ नही पसन्द
तुम्हे झुठे वादे
झूठे कसीदे नही पसन्द
तुमसा किसी और को देखा नही है मैंने,
हर हाल में मुस्कुराती हो
उस मुस्कान के पीछे बहुत कुछ छुपा लेती हो,
पर चेहरा सब चीज़े बयान कर जाता है
क्योंकि झूठ बोलना उस चेहरे को कहां आता है,
चेहरे पे रखती हो मुस्कान
ये सोच कर की हर गम छुपा लोगी,
जो चाहते है तुम्हे पूरे दिल से
तुम उनसे अपना दर्द छुपा लोगी,
पर कैसे छुपा पाओगी वो दर्द
जो तुम्हारी आँखों मे दिखता है,
कहां तक बोलोगी झूठ
जबकि सच तो तुम्हारी बातों में दिखता है,
मुझे अपने लिए कुछ नही चाहिए
मुझे उस मुस्कान के अलावा कुछ नही चाहिए,
जो लिखा हो गम उनकी किस्मत में
तो उनके नाम के जगह मेरा नाम आना चाहिए ।
बहुत मुश्किल है तुम्हारे दिल मे जगह बना पाना
उस दिल मे एक छोटी सी जगह हासिल कर पाना,
ऐसा इसलिए क्योंकि तुम जल्दी भरोसा नही करती
बहुत टूटी हो तुम
इसलिए हर किसी को मौका दिया नही करती,
खुशनसीब है वो जो तुम्हारे दिल मे बसते है,
क्योंकि हर किसी को नही मिलता ऐसा मौका
बहुत कम होते है वो लोग जो तुम्हारे मन मे बसते है,
मुझे भी एक छोटी सी जगह चाहिए उस दिल मे,
बन पाऊँ तुम्हारे काबिल
बन कर तुम्हारे लिए थोड़ा सा खास
छोटी सी जगह हासिल कर लूं उस दिल मे,
कभी कभी सोचता हूँ तुम इतनी अलग कैसे हो,
ना कोई उम्मीद
ना कोई चाहत
और ना ही कोई झुठा दिखावा
आखिर तुम इतनी शांत कैसे हो ?
मुझे तुम्हारी यही खूबियां बहुत भाती है
तुम्हारे बोलने का तरीका
ये सादा सा सलीका
मुझे बस तुम्हारी झलक हर जगह नज़र आती है,
मुझे खुद के लिए कुछ नही चाहिए,
पर बन पाऊँ तुम्हारी हँसी का कारण
तुम्हारी इस ख़ुशी के अलावा कुछ नही चाहिए ।


तुम सा भोला नही देखा
देखा है लाखो को
पर तुम सा हसीन नही देखा,
तुम्हे देखता हूँ तो बस देखता रह जाता हूँ,
हसीन और  बहुत समझदार हो तुम
गम बहुत मिला है तुम्हे पर बहुत बहादुर हो तुम
ये खूबी अब नही देखने मिलती
इसलिए तुम्हारे लिए सोचता हूँ तो सोचता ही रह जाता हूं,
ख्वाहिश है कि आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो
हर खुशी हर मुकाम हासिल हो,
मुझे कुछ नही चाहिए
इस नाचीज़ की दुआ है की
मेरे  हिस्से की खुशी भी आपको मिलनी चाहिए ।

Tuesday, August 21, 2018

8/21/2018 11:08:00 PM

FRIENDSHIP POETRY : TUMHE LADNA HOGA... #DEDICATED

Hi guys.
this blog is for one of My dearest Friend Lily.
Right now she is in hospital.
Her situation is critical so please please pray for her.
Get Well Soon dear
#dedicated #leena
#fighter #youhavetofight


 FRIENDSHIP POETRY : तुम्हें लड़ना होगा 


तुम यूं ही हार नही मान सकती,
तुम इस जंग में ऐसे नही हार सकती,
बहुत लोग कर रहे है तुम्हारा इंतेज़ार
तुम सबकी उम्मीदो को ऐसे नही मार सकती,
उठो
लड़ो इन हालातों से
क्योंकि बहुत बहादुर हो तुम,
इससे बुरे हालातो को जिया है तुमने
बहुत ही जांबाज हो तुम,
तुम्हे खुद को संभालना होगा,
चाहे जैसे भी हो
तुम्हें लड़ना होगा ।

दोस्ती की मिसाल हो तुम
खूबसूरत और कमाल हो तुम,
बहुत कुछ सिखाया है तुमने
मेरे लिए दोस्ती की किताब हो तुम,
तुम्हारे दोस्तो को तुम्हारे लिए लड़ते देखा है,
खुद की फिक्र छोड़ तुम्हारे लिए जीते देखा है,
तुम दोस्तो को जान हो,
तुम जैसे भी हो
अपने चहेतों की शान हो,
तुम ऐसे नही हार सकती
तुम सबकी की उम्मीदों को ऐसे नही मार सकती,
एक बीमारी से हार जाओ
तुम इतनी कमजोर नही,
कोई हालात तुम्हे डरा जाए
तुम इतने नाजुक नही,
सुनो तुम्हे उठना होगा,
अपने लिए ना सही
तुम्हे अपने दोस्तों के लिए लड़ना होगा ।

हम सब कर रहे है इन्तेज़ार तुम्हारा
तुम उठो और
सबकी मुस्कान बन जाओ,
हर कोई बस
वो हँसता चेहरा देखना चाहता है तुम्हारा,
तुम नही जानती
तुम कितनी खास हो,
तुम नही जानती
तुम कितनो के दिलो के पास हो,
हर कोई बस तुम्हारी मुस्कान चाहता है
तुम फिर से सेहतमंद हो जाओ
हर कोई बस यही देखना चाहता है,
कोई भोपाल से भागा भागा आ रहा है
तो कोई रात रात भर बस रोता जा रहा है,
सबकी उम्मीद हो तुम,
तुम मानो या ना मानो
सबके लिए बहुत जरूरी हो तुम,
एक बिस्तर तुम्हारा घर नही हो सकता,
तुम हार जाओ कोई जंग
मैं ये मान नही सकता,
सुनो तुम्हे सबकी उम्मीदो के लिए जागना होगा,
हम सब है तुम्हारे साथ
तुम्हे बस हमारे लिए लड़ना होगा ।


तुम्हे अब जागना होगा,
हो गई है सुबह
इस सुबह को देखने के लिए
तुम्हे इस बीमारी से लड़ना होगा ।

Sunday, August 19, 2018

8/19/2018 01:37:00 AM

FRIENDSHIP POETRY : ALAG PEHCHAN RAKHTI HAI WO...

THIS ONE IS FOR A VERY SWEET PERSON Melitta D'souza
SHE IS VERY CUTE AND VERY ADORABLE.
I LOVE HER SIMPLICITY AND HER GENUINE SMILE.
SHE IS A TEACHER, FRIEND, GUIDE, AND MOST IMPORTANTLY 
SHE IS A SWEETHEART.

FRIENDSHIP POETRY :अलग पहचान रखती है वो...


खुले आसमां में उड़ते परिंदेे जैसी
बेखौफ है वो,
पर्वतों के बीच से निकलती नदियों जैसी
चंचल है वो,
रात के अंधेरे में चंद्रमा जैसी
रोशनी से परिपूर्ण है वो,
कैसे जाहिर करूँ उसकी खूबियां
जो लाख गमो के बीच भी
अपनी खुशियों में मदमस्त है वो ।



कला से प्यार है उसे
हर रिश्ते का मान रखती है,
उम्र को पीछे छोड़
बस जिंदगी से प्यार रखती है,
घर वालो की लाडली है
दोस्तो की चहेती है
इसलिए सबको अपने पास रखती है,
दुनियादारी को नजरअंदाज कर
मन को साफ रखती है,
दिक्कते हज़ार आई उसकी ज़िन्दगी में पर सबको दूर रख
बस ज़िन्दगी जीने का इमान रखती है,
हर रिश्ते की कद्र करती है ,
मशरूफ़ रह कर भी
सबको वक़्त देती है वो,
यूँही नही सबकी लाडली हो जाती है वो,
बहुत इंसानों से मिला हूँ
पर सबसे अलग लगी वो
क्योंकि भीड़ में भी अपनी एक अलग पहचान रखती है वो ।



उम्र की सीमा उसे कहा रोक पाई ?
ज़िन्दगी चलती रही
वो जिंन्दगी से बस लड़ती रही
ये ज़िन्दगी उसको कहा डरा पाई ?
आसान नही है उसकी ज़िन्दगी जी पाना
अपने काम के लिए बार बार अपना शहर छोड़ पाना,
बहुत ही शांत और सरल पाया है मैंने उसे
भगवान ने भी बहुत खूब बनाया है उसे,
सबसे खुले दिल से मिलती है
अपना हो या पराया
सबको दिल में रखती है,
ऐसी खूबी आजकल कहाँ देखने मिलती है,
हुस्न भी बहुत खूब है उसका
फिर भी ना कोई सजावट
ना कोई दिखावा
हर एक रंग कमाल है उसका,
रिश्तों को अपना सब कुछ मानती है वो
हर रिश्ते में जान भर देती है वो
उसकी तारीफ किन शब्दो मे करू
मेरे शब्दों से अनजान है पर
दिल के मामले में सबसे आगे है वो ।


अपने हिसाब से जिंदगी जीने का दम रखती है,
हर मामले में सबकी सुनती है
पर आखिर में अपने मन का कर सके
इतनी हिम्मत भी रखती है,
ना दौलत की चाह
ना शोहरत की उम्मीद
बस सुकून से जी सके
इतनी सी ख्वाहिश रखती है,
बहुत सी मुश्किलें सही है उसने
कभी उम्र का ताना
तो कभी शादी का,
पर सबकुछ हँस के सहा है उसने,
कभी उसकी जिंदगी का अंदाज़ा लगा के देखो,
वो क्या क्या झेलती है
कितना कुछ सम्भालती है
कभी सोच के देखो,
उसकी ज़िन्दगी दो पल ना जी पाओगे
यकीन ना हो तो शर्त लगा के देखो,
गर्व है की अपने सपने नही मारती है वो
सबको खुश रख खुद पर मुस्कुराती है वो,
सबकी हंसी को अपनी खुशी मानती है वो,
गमो में रह कर भी अपनी हँसी से
सबको गुमराह करना भी जानती है वो ।



खुशकिस्मत रहा हूँ मैं
जो चंद मुलाकाते हो पाई हमारी,
जिंदगी में लाखो लोगो से मिल कर
शख्सियत समझ आई तुम्हारी,
जैसी हो वैसी ही रहना,
ना कोई छल , ना कोई कपट,
तुम्हारी शख्सियत ही सबसे खास बनाती है तुम्हे
मेरी ये बात हमेशा याद रखना,
सब बदल लेना पर ये अंदाज ना बदलना
जिंदगी की किसी भी राह पर अपनी सादगी ना बदलना,
लोग चाहते है तुम जैसा बनना
तुम किसी भी कीमत पर खुद को ना बदलना,
इस जहान में बहुत सीधी है वो,
रिश्तों का गणित नही समझती
जो बहुत भोली है वो,
खुद को छोड़ सबके लिए जीती है
अपने रिश्तों पर जान देती है वो
उम्मीद है ये दोस्ती यूं ही रहेगी
क्योंकि दूर सही पर मेरी दोस्त है वो।

Thursday, August 16, 2018

8/16/2018 10:00:00 AM

FRIENDSHIP POETRY : KHUD KO PAYA HAI USNE....

THIS ONE IS FOR MY FRIEND, MY BROTHER NIKHIL THAMKE...
LOVE YOU BROTHER
YOU ARE ONE OF THE BEST PERSONS I HAVE EVER MET.
BE YOURSELF 
BE HAPPY AND KEEP SMILING BROTHER...

FRIENDSHIP POETRY : खुद को पाया है उसने ।


वो मां का लाडला है
पर मां से दूर रहता है,
जो रहता था कभी मां की गोद में
आज वो अजनबी शहर में
सबसे अलग रहता है ,
बहुत कुछ खोया है उसने,
तब जा कर
खुद को पाया है उसने ।


घर का चिराग है वो
पर थक हार कर बुझा बुझा सा रहता है,
जो रहता था कभी ऐशोआराम से
आज वो बस काम में रहता है,
अपना घर
अपना शहर
अपने लोगो को छोड़
अजनबियों के बीच रहता है,
परेशानियां बहुत है उसकी
पर सब कुछ छुपा के
सबके बीच बस मुस्कुराते रहता है,
कभी पैसों की दिक्कत
तो कभी सेहत की ,
फिर भी सबको प्यार से रखता है,
सब कुछ खोया है उसने,
तब जा कर
खुद को पाया है उसने ।



आसान नही है उसके जैसा बन पाना
हजार गमो के बीच मुस्कुरा पाना,
भूखे रह कर भी काम कर पाना,
वो रात रात भर जागा भी है
दिनों में यहाँ से वहां भागा भी है,
भूख प्यास सबको छोड़
काम में लगा रहता था वो,
इतने काम के बीच भी
रिश्तों के लिए वक़्त निकालता था वो,
अपनी मुश्किलों को छोड़
दुसरो की परेशानी सुनता था वो,
जो नही जानता था
क्या होता है रिश्ते निभाना
आज सौ रिश्ते भी संभाल रहा है वो,
बहुत से रिश्ते खोए है उसने,
उसके बाद कही जा कर
खुद को पाया है उसने ।



कहते है कलयुग में सब मतलबी होते है
पर मैंने कलयुग में भी एक अच्छा इंसान देखा है,
खुशनसीब हूँ मैं
जो जानता हूँ उसको,
अपने दोस्त से ज्यादा
अपना भाई मानता हूं उसको,
ए खुदा उसकी हर खवाहिश पूरी करना
उस पर अपनी रहमत बनाये रखना,
दुआ बस इतनी है कि वो बड़ा नाम कमाए,
इतना नामचीन हो
की दुनिया मे उसका नाम जाना जाए ,
आसान नही है उसकी तरह बन पाना
बार बार गिर कर भी संभल पाना,
हज़ार बार गिर कर
खुद को संभाला है उसने
यूँही नही इस जमाने में
अपना नाम बनाया है उसने ।

Sunday, August 12, 2018

8/12/2018 12:25:00 AM

SAD POETRY : EK BAAT PUCHHNI THI ?



 SAD POETRY : एक बात पूछनी थी …?



एक बात पूछनी थी

क्या मिला हमारा रिश्ता तोड़ कर ?

क्या हासिल कर लिया उसके साथ रिश्ता जोड़ कर ?

दुख मुझ तक होता तो चुप रह लेता मैं

तुमने दुख सबको दिया है

आखिर क्या चाहती थी तुम

जब साथ थे हम

जैसा तुमने चाहा वही हुआ

जैसा बोला तुमने मैंने माना

हर हालात में तुम्हारा साथ दिया

हर बंंदिशो से आज़ाद रखा तुम्हे

क्या कमी रह गई थी मुझसे

जाना ही था तो जाती सामने से बोल कर,

एक बात पूछनी थी

क्या मिला बेवफा बन कर ?



दूरी इतनी मुश्किल हो गई तुम्हारे लिए

शायद ये इश्क़ था ही नही,

कुछ वक्त में नया साथी खोज लिया

क्योंकि तुम्हे प्यार कभी था ही नही,

तुम भी खुदगर्ज़ निकली

तुम्हे जान समझा अपनी

तुम तो सिर्फ मतलबी निकली,

खैर अब कोई गिला नही है

तू आज़ाद है जिसके साथ रहना है रह

पर कम से कम झूठी कहानी ना कह,

तू आजाद है अपने हर अरमान पूरे कर

एक बात पूछनी थी

क्या मिला मुझे बर्बाद कर ?



दिल से चाहा था तुझे

अपना सब कुछ मान लिया था,

सबसे खास थी तुम

हर वक़्त बस तुम्हारे लिए जिया था,

सब भूल गई,

मेरी हर कुर्बानी,

मेरी हर जिम्मेदारी,

सब पानी मे बहा दिया था,

खैर अब तेरी जरूरत नही

तुझे एक बुरा सपना समझ भूलाना है,

तू सब कुछ थी कल

आज तू किसी गैर से ज्यादा कुछ नही,

मेरी हस्ती को तोड़ दे

उतनी तेरी औकात नही

अब फर्क नही पड़ता

तू जिये या मरे घुट घुट कर

एक बात पूछनी थी

क्या मिला तुम्हे अपनी इज़्ज़त खो कर ?

©Ajasha

Wednesday, August 08, 2018

8/08/2018 11:12:00 PM

LOVE POETRY : BAS WAADA KARO....


 LOVE POETRY : बस वादा करो…

हर हाल में ज़िन्दगी जी लूंगा,
हर मुसीबत से लड़ लूंगा,
हर हाल में रह लूंगा,
बस
तुम वादा करो
की कभी साथ नही छोड़ोगे,


मेरी भी ख्वाहिशें है,
किसी के हाथ मे हाथ डाले दुनिया देखने का,
किसी के साथ जिंदगी जीने का,
उसके लिए तोहफे लाने का,
उसकी हँसी का कारण बनने का,
बारिश में उसके साथ भीगने का,
हर त्योहार उसके साथ मनाने का,
हां मेरा भी ख्वाब है,
किसी का खास बनने का,
किसी के लिए सबकुछ हो जाने का,
किसी की दुनिया कहलाने का,
किसी का ख्वाब बनने का,
किसी की जान बनने का,
पता नही तुम कब मेरे बनोगे,
मैं इंतेज़ार कर लूंगा,
तुम बस वादा करो
की कभी हाथ नही छोड़ोगे..


तुम्हे देख के अपना सा लगा
तुम्हारे साथ बिता हर पल खूबसूरत लगा,
तुम्हारी हँसी देख के
चलता है अब मेरा दिल,
तुम्हारा हाथ अपने हाथ में ले के
मुझे मेरा अधूरापन मिटता सा लगा,
शुक्रिया तुम्हारे साथ के लिए
मेरे हाथों में अपना हाथ देने के लिए,
वादा है ये हाथ कभी नही छोडूंगा
तुम्हे किया कोई वादा नही तोडूंगा
तुम बस यूँही मुस्कुराती रहना
तुम्हे देख कर ही तो मैं जी पाऊंगा
बहुत उम्मीदें है तुमसे
बहुत मोहब्बत है तुमसे,
उम्मीद है तुम मेरा दिल संभाल के रखोगे
उम्मीद है मेरा हर ख़्वाब पूरा करोगे,
कुछ नही चाहिये तुमसे
बस वादा करो
की कभी ये साथ नही छोड़ोगे..।।
©Ajasha

Sunday, August 05, 2018

8/05/2018 10:46:00 PM

LOVE POETRY : TUMHE SAMAJHTI HUN MAI.. MALE VERSION (ON SPECIAL DEMAND)

LOVE POETRY :तुम्हे समझती हूं मैं....MALE VERSION (ON SPECIAL DEMAND)


बुरा लगता है
जब तुम बात नही कर पाते,
हाँ बुरा तो लगता है
जब तुम मेरी भावनाये नही समझ पाते,
इसलिए बुरा लगता है
क्यों कि हर उम्मीद बस तुमसे है,
मेरी हर ख्वाहिश बस तुमसे है,
पर ऐसा नही है कि
तुम्हारी मुश्किल नही समझती मैं,
ऐसा नही है कि
तुम्हारी कश्मकश देख नही सकती मैं,
तुम पर खुद से ज्यादा भरोसा है,
तुम मुझे जान के दुख नही देते
तुम्हे इतना तो समझती हूं मैं।


परिवार की जिम्मेदारी
है तुम पर,
पूरे घर को संभालते हो तुम,
काम मे उलझ कर,
खाने को भी नजरअंदाज कर देते हो तुम,
कितने भी परेशान हो
कितने भी बीमार हो
सबका ख्याल करते हो तुम,
सबके लिए क्या अच्छा है
हर वक़्त यही सोचते हो तुम,
खुद को वक़्त नही देते
पर सबकी मदद के लिए तैयार हो तुम,
अपनी जिंदगी में खुद के लिए वक़्त नही तुम्हारे पास
पर हर काम के लिए वक़्त निकाल लेते हो तुम,
सुबह से शाम सबकी इच्छाओं को पूरा करते हो
कभी खुद के लिए एक दुआ नही करते तुम ,
ये सब देख सकती हूं मैं,
तुम्हारी हर परेशानी समझ सकती हूं मैं
चाह के भी तुम्हारी परेशानी कम नही कर सकती,
पर तुम्हारी परेशानी ना बनू,
इतना तो जानती हूं मैं,
ज्यादा ना सही
पर इतना तो समझती हूं मैं।


गर्व होता है तुमपे,
की तुम हर रिश्ता संभाल रहे हो,
पैसे कमा कर भी
सादगी से जी रहे हो,
सबके लिए खर्च कर देते हो,
सबकी जरूरते पूरी कर देते हो तुम,
खुद के लिए चार पैसे नही रखते
अपनी हर जरूरत मार देते हो तुम,
कभी कभी सोचती हूँ
खुशनसीब हूँ मैं जो तुम मिले हो,
मेरे लिए मेरे सब कुछ हो तुम,
पर हां बुरा तो लगता है
जब तुम बात नही करते,
हां बुरा तो लगता है
जब तुम वक़्त नही देते,
पर समझती हूँ मैं
की सब सम्भाल रहे हो तुम,
खुद को पीस को
घर चला रहे हो तुम,
समझती हूं मैं की
तुम जान कर कुछ नही करते,
कुछ खास तो नहीं पर
अपना साथ तो दे ही सकती हूं मैं,
तुम्हे हक़ है मशरूफ़ रहने का,
तुम्हे हक़ है बात ना करने का,
बस इतना जान लो कि
हर हाल में तुम्हारे साथ हूँ मैं ।

Saturday, August 04, 2018

8/04/2018 09:15:00 PM

FRIENDSHIP POETRY : DOSTI...

FRIENDSHIP POETRY: DOSTI... #HAPPY FRIENDSHIP DAY 



पैदा होते साथ रिश्ते हमसे जुड़ जाते है
मां बाप
खानदान
धर्म
ये हम कहाँ चुन पाते है
ज़िन्दगी में कई रिश्ते बनते है
कई सौ लोगो से हम जुड़ जाते है
पर
दोस्ती सिर्फ एक ऐसा रिश्ता है
जो हम खुद चुन पाते है ।
दोस्ती के भी कई रूप होते है
कई रिश्ते सच्चे
तो कुछ फरेब होते है
हर दोस्ती बहुत कुछ सिखाती है
कोई दोस्ती हँसी की वजह
तो कोई दोस्ती हमारी जान बन जाती है
समय के साथ रिश्ते,जिंदगीभर के साथ में बदल जाते है
दोस्ती ही वो रिश्ता है
जो हम खुद बना पाते है।


दोस्ती कब,कहां और किससे होगी,
कोई नही जानता,
ये रिश्ता बहुत पाक साफ है
हर धर्म है ये मानता,
किसी को दोस्ती स्कूल में मिलती है
तो किसी को कॉलेज में,
कुछ दोस्ती दो पल की होती है
तो कुछ जिंदगी भर साथ चलती है ।
अजीब बात है ना
कैसे अजनबी अपने बन जाते है
आखिर दोस्ती है यार
यूं ही नही दोस्त दूसरा परिवार कहलाते है।


बाकी रिश्ते बनने में वक़्त लगता है
पर दोस्ती ऐसा रिश्ता है
जिसे बनने में सिर्फ दो पल लगता है,
हर दोस्ती इस जिंदगी में बहुत जरूरी है
हर दोस्त अपनी एहमियत रखता है
दोस्तो के बिना ये जिंदगी वीरान है
दोस्त हो तो
कब्रिस्तान भी खूबसूरत खेल का मैदान है,
मेरे हर दोस्त को शुक्रिया
जिसने मुझे दोस्ती के काबिल समझा,
मेरे हर दोस्त को शुक्रिया
जिसने मेरी जिंदगी हसीन बनाई,
हां यारो बहुत बहुत शुक्रिया तुम्हारा
जो तुमने हर घड़ी में मेरा साथ दिया,
तुम्हारे बिना ये ज़िन्दगी जी नही पाता
दोस्तो से ही तो जिंदगी होती है
इसलिए तो ये रिश्ता
हर रिश्ते से ऊपर है आता ।

HAPPY FRIENDSHIP DAY

©Ajasha

Thursday, August 02, 2018

8/02/2018 09:12:00 PM

LOVE POETRY : TUMHE SAMAJH SAKTA HUN MAI..

LOVE POETRY: तुम्हे समझ सकता हूँ मैं…


बुरा लगता है
जब तुम बात नही कर पाती,
हां बुरा तो लगता है
जब तुम मेरा हाल नही समझ पाती,
आखिर क्यों न लगे बुरा
तुम भी नही समझोगी
तो और किससे उम्मीद करूं मैं,
पर ऐसा नही है कि
तुम्हारी मुश्किल नही समझता मैं,
ऐसा नही है कि
तुम्हारी परेशानी देख नही सकता मैं,
हर हाल में तुम्हारी हँसी चाहता हूं,
फिक्र ना करो
तुम जान के कुछ नही करती
इतना तो तुम्हे समझता हूं मै।


नौकरी की जदोजहद में
तुम सबको वक़्त देती हो,
खुद खाना नही खाती
पर सबकी शिकायते सुनती हो,
समझ सकता हूँ कितनी मजबूर हो तुम,
थकान से चूर
फिर भी
सबके काम करने को तैयार हो तुम,
अपनी सेहत का ख़्याल चाहे ना रखो
पर सबके हिस्से का काम कर देती हो तुम,
वक़्त चाहे खुद को ना दो
पर खुद को मार सबको वक़्त देती हो तुम,
जानता हूँ क्या क्या झेलती हो तुम
सुबह से शाम तक काम
घर आके भी जीना हराम
चैन से दो पल नसीब नही होते तुम्हे,
ये सब देख सकता हूँ मैं,
तुम्हारी मदद न भी कर सकूं
पर तुम्हे समझता हूं मैं ।


नाज़ है मुझे तुमपे
की तुम अपनी ज़िंदगी खुद बना रही हो,
किसी के मदद के बिना
अपनी हस्ती बना रही हो,
चाहे जो हो जाये
तुम मुझे हमेशा अपने साथ पाओगी,
हर हालत मे मुझे अपने नजदीक पाओगी,
फिक्र ना करना कभी
मैं हमेशा साथ दूंगा
हज़ार मुश्किलो में भी
मेरा हाथ अपने हाथ मे पाओगी,
तो हां बुरा लगता है जब तुम बात नही करती हो,
पर समझता हूँ मैं
की आखिर तुम दिन भर  क्या क्या करती हो,
कोई शिकवा नही है तुमसे
समझ सकता हूँ मैं
तुम काम,परिवार और जमाने
सबके बीच तालमेल जमा लिया करती हो,
हां जान मानता हूं तुम्हे मैं
तुम्हारी खुशी चाहता हूं मैं
तो जैसे चाहो रह सकती हो तुम
जिससे चाहे बात कर सकती हो तुम
ज्यादा कुछ नही पर
इतनी आजादी तो दे ही सकता हूँ मैं ।

Wednesday, August 01, 2018

8/01/2018 10:01:00 AM

POETRY ON LIFE : WAQT KI KAMI...


POETRY ON LIFE: वक्त की कमी…


आज वक्त से ज्यादा कीमती कुछ नही है

हर काम जल्दी में करना है

हर चीज़ पा लेना है

चाहे ज़िन्दगी बित जाए घुट घुट के

पर अपनो के साथ वक्त बिताना नही है

कभी सोचा है कि वक्त की कमी क्यों है ?

इंसान इतना विज्ञान जान के भी अंधकार में क्यों है ?



भागता जा रहा है जमाना

कोई पैसा चाहता है तो कोई शांति

हर कोई अपनी ज़िंदगी मे फसा हुआ है

कोई ज़िन्दगी जी नही रहा है

सबको बस अपनी कामयाबी दूसरो को है दिखाना

इस ज़िन्दगी में सबको सब कुछ है पाना,



सबके पास बस एक चीज़ नही है वो है वक्त

सबके लिए अपना वक्त कीमती है

कुछ साल की ज़िंदगी में सब स्वर्ग खोज रहे है

जिंदगी जीने से ज्यादा

उसे बोझ समझ के ढो रहे है,

ऑनलाइन सबको जानते है पर

ऑफ़लाइन किसी को पहचानते तक नही,

एक मशीन ने सबको व्यस्त कर दिया है

अपनो को अपनो से दूर कर दिया है ।

सोचना तो पड़ेगा की कब तक ऐसे जिएंगे

मौत खड़ी है बाहें फैलाये

वक्त की कमी तो सबके पास है

पर कब तक अपनो से दूर रह के ये सब सह पायेंगे ?

©Ajasha