Book Review - Dehati Ladke by Shashank Bhartiya
देहाती लड़के BY शशांक भारतीय Pic courtesy Hind yugm and shashak bhartiya |
लेखक : Shashank Bhartiya
प्रकाशन : Hind Yugm
शशांक भारतीय की यह उपन्यास तीन दोस्तो की कहानी है । राजरतन सिंह चौहान, शशांक और युवान । कालेज लाइफ और कॉलेज प्रेम पर आधारित ये उपन्यास हजारो लाखों युवाओ की जिंदगी के किसी न किसी हिस्से को छूती जरूर है,
फिर वो कालेज के पहला दिन हो या कैंटीन में बिताए पल, फिर बात दोस्तो के बीच के हँसी मजाक की हो या कालेज में नए नए प्रेम के एहसास की ।
उपन्यास तीन ऐसे दोस्तो की कहानी है जो तीन अलग अलग पृष्ठभूमि से आते है । कालेज में उनका मिलना होता है और दोस्ती की शुरुआत हो जाती है, इंसानी फितरत है वो प्रेम के बिना नही रह सकता । तो कालेज में होने वाले प्रेम का आना तो तय था । जहाँ प्रेम है वहाँ जलन ईर्ष्या गुस्सा गलतफहमी, रोमांस ना हो तो प्रेम प्रेम नही होता ।
इस उपन्यास में इन भावनाओ को बहुत बखूबी से लिखा है शशांक जी ने । और फिर दिल का टूटना और जिंदगी का आगे बढ़ना ।
यह उपन्यास एक आम लड़के की जिंदगी में आने वाली परेशानियों को बखुबी बताती है । जिनमें मां बाप की उम्मीदें, समाज मे नाम बनाने का भय, प्रेम ना मिलने का डर, जिंदगी में कुछ ना कर पाने की भूख और लोगो के बीच पीछे रह जाने के सपने है । इस उपन्यास में शशांक जी ने कई कटाक्ष भी किये है जो आज की दुनिया में व्याप्त शिक्षा प्रणाली, वुमन इम्प्वारमेंट जैसे विषयों पर बहुत सही बैठते है ।
कहानी :
यह एक ग्रामीण इलाके के लड़के रजत की कहानी है, जो गांव के स्कूल से पढ़कर अपनी उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ शहर में आता है। अधिकारी बनने की उच्च आकांक्षाएं, अपने शिष्टाचार में मामूली देसीपन, वह कॉलेज के आसपास अपने तरीके से संघर्ष करता है। शहर और कॉलेज उसका अवशोषण करना शुरू कर देते हैं और वह शहर के तरीकों को अपनाने की कोशिश करने लगता है। घटनाओं के मोड़ में एक क्लासी लड़की और दो विपरीत प्रकृति के लड़कों से उसकी मुलाकात होती है। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और फिर कुछ दिलचस्प चीजें होने लगती हैं। समय बीतने के साथ, करियर के लिए दबाव और दोस्तों के साथ गलतफहमी उनके रास्ते अलग कर देती है।राजरतन सिंह चौहान एक आयकर दफ्तर में ऑफिसर है जहां उससे मिलने उनकी दोस्त दिशा धावल आती है । इस मुलाकात से उसे अपने कॉलेज के दिन और कॉलेज का पहला प्यार याद आता है । उसे लखनऊ जाना है युवान की सगाई हो रही हैं । शशांक से उसकी बात चीत बंद है । प्रेरणा उसका प्रेम थी पर अब प्रेरणा और रजत का रिश्ता टूट गया है । ये प्रेरणा कौन है ? उनका रिश्ता क्यों टूटा ? रजत और शशांक की बात चीत क्यों बन्द है ? क्या प्रेरणा ने रजत को धोखा दिया है? उनका रिश्ता क्यों टूटा ? ऐसे कई सारे सवाल है जिनका जवाब आपको इस उपन्यास के पन्नो को उलटने पर ही मिलेंगे.
ABOUT THE AUTHOR
ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े और मूल रूप से गोंडा, उत्तर प्रदेश के निवासी शशांक ने अपना स्नातक और कॉम्पिटिशन की तैयारी लखनऊ शहर में रहकर की। शशांक वर्तमान में पुणे ज़ोन में इनकम टेक्स इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं।
Product description
- Publisher : Hind Yugm / Westland (20 April 2019)
- Language : Hindi
- Paperback : 256 pages
- ISBN-10 : 9387894908
- ISBN-13 : 978-9387894907
No comments:
Post a Comment