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Saturday, September 08, 2018

Mai Aur Meri Coffee : Ajasha

ye blog kuch khas hai kyunki ye mere dil ke bahut pass hai.
is blog me maine apni personal life experiences likhe hai.
#self #love #alone

Mai Aur Meri Coffee: Ajasha

mai aur meri coffee

रिमझिम सी बरसात में,
वीरान सड़को के बीच
इस सो चुके शहर में,
मैं और मेरी कॉफी बाते कर रहे है,
ज़िन्दगी कैसे एक पल में बदल जाती है,
एक लम्हा काफी है
किसी को हंसाने या रुलाने के लिए,
साली ज़िन्दगी भी कम है अपने गम भुलाने के लिए,
इस खूबसूरत मौसम में भी
दिमाग मे सिर्फ एक बात है,
की जो हुआ क्या वो होना जरूरी था,
क्या हमारा यूं बिछड़ जाना जरुरी था,
क्या तुम्हारा धोका देना जरूरी था,
आज ये सोच रहा हूँ क्योंकि
बहुत बदल गया हूँ ऐसा लोग कह रहे है,
हां मैं और मेरी कॉफी बाते कर रहे है।


ajasha

अपना हर किस्सा बता रहा हूँ उसे,
कैसे देखा था तुम्हे पहली बार
तुम्हारी मुस्कान से लेकर
तुम्हारी हर बुराई सुना रहा हूं उसे,
बता उसे रहा हूँ
पर खुद से पूछ रहा हूँ
क्या तुमसे मिलना जरूरी था,
क्या इस ज़िन्दगी में इस गलती का होना जरूरी था,
जब नही देना था साथ मेरा,
तो बंजर पड़े इस दिल पे
तेरा बरसात बन के बरस जाना क्या जरुरी था,
अब कैसे निकलू इस मुश्किल से
क्या करूँ तुझे भुलाने के लिए
हम दोनों इस मुश्किल को हल कर रहे है,
आज बहुत दिनो के बाद
मैं और मेरी कॉफ़ी बात कर रहे है ।


self poem and poetry

वो तरकीब सोच रही है,
मेरे बारे में जान रही है,
चुप हो गई है वो भी
मेरा गम देख के
छूप के वो भी मेरी बेबसी पे रो रही है,
यहाँ मैं सोच रहा हूँ,
अपनी गलती खोज रहा हूँ,
खुद से पूछ रहा हुं की
क्या तुम्हें दिल के पास लाना जरुरी था,
क्या तुम्हें अपना सब कुछ मान लेना जरूरी था,
क्या खुद को भूल जाना जरूरी था,
कॉफ़ी भी पूछ रही है मुझसे,
की इन इश्क़ के चक्करों में पड़ना जरुरी था,
ज़िन्दगी खुशहाल थी
अब बदहाल है,
सिर्फ तेरे चले जाने से मेरा ये हाल है,
हम दोनों मेरे लिए फैसलों पे सवाल कर रहे है,
आज मैं और मेरी कॉफ़ी तुम्हारे बारे में बात कर रहे है ।

©Ajasha



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