Aaj ki ye poetry kuch special hai kyunki ye poem har ladki ki kahani hoti hai.
mujhe ummid hai ki aap iss poem me khud ki jhalak dekh sakte hai.
agar ye poem aapki life ko touch kare to share aur comment jarur kare...
dedicated to all girls...
special thanks uss ladki ke liye jisne mujhe iss poetry ki theme di.
thanks alot ki tumne apni zindagi ke kuch pal mujhse share kiye.
#Ajasha #dedicated
Ye Dil Tut Jata Hai : A Poem On Love
इश्क़ की गली की
मैं भी एक राहगीर हूँ
किसी टूटे दिल की
मैं भी एक खरीददार हूँ
शायद ये इश्क़ मेरे लायक नही
इसलिए मेरा इश्क़ अधूरा रह जाता है
एक दिल मेरे पास भी है
जो हर बार टूट जाता है ।
किसी टूटे दिल की
मैं भी एक खरीददार हूँ
शायद ये इश्क़ मेरे लायक नही
इसलिए मेरा इश्क़ अधूरा रह जाता है
एक दिल मेरे पास भी है
जो हर बार टूट जाता है ।
माना कुछ मामलों में कमज़ोर हूँ
इस दुनिया की दुनियादारी से दूर हूँ
नही समझ आता मुझे झूठ और फरेब
मैं अपनी परवरिश के हाथों मजबूर हूँ
जिससे मिली खुले दिल से मिली
जिसको चाहा पूरे मन से चाहा
पर शायद मैं इस खेल में आज भी कमजोर हूँ
सोचती हूँ आखिर मेरा प्यार
मेरा हाथ छोड़ कर क्यों जाता है
मैं भी इंसान हूँ
दर्द होता है मुझे भी
जब ये बार बार दिल टूट जाता है ।
नही समझ आता मुझे झूठ और फरेब
मैं अपनी परवरिश के हाथों मजबूर हूँ
जिससे मिली खुले दिल से मिली
जिसको चाहा पूरे मन से चाहा
पर शायद मैं इस खेल में आज भी कमजोर हूँ
सोचती हूँ आखिर मेरा प्यार
मेरा हाथ छोड़ कर क्यों जाता है
मैं भी इंसान हूँ
दर्द होता है मुझे भी
जब ये बार बार दिल टूट जाता है ।
कमी मेरे प्यार में हो तो बताना
रिश्ते निभाये नही तो बताना
मिल जाएंगी बहुत सी लड़कियां
पर वो रिश्ते को मुझसा संभालेंगी तो बताना
सच कहती हूं जान दे दूंगी रिश्तों के लिए
पर कोई मुझ सा मिले तो बताना
बहुत खास नही हूँ
एक आम सी लड़की हूँ
कुछ खवाब लिए
कुछ सपने लिए
एक घर की बेटी हूँ
अश्क़ आंखों से छलक कर
पलको पर रह जाता है
क्योंकि इश्क़ कितना भी रुलाये मुझे
पर हर शाम को एक घर मे मेरा रास्ता देखा जाता है ।
मिल जाएंगी बहुत सी लड़कियां
पर वो रिश्ते को मुझसा संभालेंगी तो बताना
सच कहती हूं जान दे दूंगी रिश्तों के लिए
पर कोई मुझ सा मिले तो बताना
बहुत खास नही हूँ
एक आम सी लड़की हूँ
कुछ खवाब लिए
कुछ सपने लिए
एक घर की बेटी हूँ
अश्क़ आंखों से छलक कर
पलको पर रह जाता है
क्योंकि इश्क़ कितना भी रुलाये मुझे
पर हर शाम को एक घर मे मेरा रास्ता देखा जाता है ।
कितना भी तोड़े ये इश्क़ मुझे
पर सब कुछ चल जाता है
क्योंकी तुम पसन्द करो ना करो मुझे
पर मेरा एक परिवार है
जो मेरी एक हँसी पर त्यौहार मनाता है
तो छोड़ दिया इस टूटे दिल को उसकी गलियों में
क्योंकि दिल तो हर किसी का टूट जाता है ।
क्योंकी तुम पसन्द करो ना करो मुझे
पर मेरा एक परिवार है
जो मेरी एक हँसी पर त्यौहार मनाता है
तो छोड़ दिया इस टूटे दिल को उसकी गलियों में
क्योंकि दिल तो हर किसी का टूट जाता है ।
No comments:
Post a Comment