सुनो अब भूल जाना मुझे- Hindi Sad Poem
सुनो,
अब भूल जाना मुझे एक अधूरा ख्वाब समझ कर,
जो आंखों में पला पर मुककम्मल हो ना सका,
भूल जाना मुझे राह पर चलने वाला राहगीर समझ कर,
जो साथ तो चला पर अपना हो ना सका,
भूल जाना मुझे किसी पुरानी धुन की तरह,
जो कानो को भाया तो बहुत पर दिल मे उतर ना सका,
दिल से की थी मोहब्बत तुमसे,
पर मेरे इश्क़ का एहसास तेरे दिल तक पहुँच ना सका ।।
सच कहूं तो गम नही है मुझे किसी बात का,
जितने लम्हे बीते तेरे साथ वो सारे यादगार है,
जितनी दफा तुझे पाने की चाहत की उतनी दफा ये दिल तेरे लिए हुआ बेकरार है,
एक तरफा मोहब्बत ही सही,
पर ये मोहब्बत सच्ची और बेसुमार है,
मेरी किस्मत में नही हो तुम शायद,
पर फिर भी मुझे बस तेरा ही इन्तेजार है,
पर अब जरूरी है तुम्हारी ज़िन्दगी से चले जाना,
आखिर तुम्हे भी अपने इश्क़ से प्यार है,
तो भूल जाना मुझे किसी पेड़ की छांव की तरह,
जिसने सुकून तो दिया पर साथ रह ना सका,
भूल जाना मुझे किसी इत्र की महक की तरह,
जो महका तो बहुत तेरे कपड़ो से लग कर,
पर खुद का वजूद कायम रख ना सका ।।
-Ajasha
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