THIS ONE IS FOR MY FRIEND, MY BROTHER NIKHIL THAMKE...
LOVE YOU BROTHER
YOU ARE ONE OF THE BEST PERSONS I HAVE EVER MET.
BE YOURSELF
BE HAPPY AND KEEP SMILING BROTHER...
FRIENDSHIP POETRY : खुद को पाया है उसने ।
वो मां का लाडला है
पर मां से दूर रहता है,जो रहता था कभी मां की गोद में
आज वो अजनबी शहर में
सबसे अलग रहता है ,
बहुत कुछ खोया है उसने,
तब जा कर
खुद को पाया है उसने ।
घर का चिराग है वो
पर थक हार कर बुझा बुझा सा रहता है,
जो रहता था कभी ऐशोआराम से
आज वो बस काम में रहता है,
अपना घर
अपना शहर
अपने लोगो को छोड़
अजनबियों के बीच रहता है,
परेशानियां बहुत है उसकी
पर सब कुछ छुपा के
सबके बीच बस मुस्कुराते रहता है,
कभी पैसों की दिक्कत
तो कभी सेहत की ,
फिर भी सबको प्यार से रखता है,
सब कुछ खोया है उसने,
तब जा कर
खुद को पाया है उसने ।
पर थक हार कर बुझा बुझा सा रहता है,
जो रहता था कभी ऐशोआराम से
आज वो बस काम में रहता है,
अपना घर
अपना शहर
अपने लोगो को छोड़
अजनबियों के बीच रहता है,
परेशानियां बहुत है उसकी
पर सब कुछ छुपा के
सबके बीच बस मुस्कुराते रहता है,
कभी पैसों की दिक्कत
तो कभी सेहत की ,
फिर भी सबको प्यार से रखता है,
सब कुछ खोया है उसने,
तब जा कर
खुद को पाया है उसने ।
आसान नही है उसके जैसा बन पाना
हजार गमो के बीच मुस्कुरा पाना,
भूखे रह कर भी काम कर पाना,
वो रात रात भर जागा भी है
दिनों में यहाँ से वहां भागा भी है,
भूख प्यास सबको छोड़
काम में लगा रहता था वो,
इतने काम के बीच भी
रिश्तों के लिए वक़्त निकालता था वो,
अपनी मुश्किलों को छोड़
दुसरो की परेशानी सुनता था वो,
जो नही जानता था
क्या होता है रिश्ते निभाना
आज सौ रिश्ते भी संभाल रहा है वो,
बहुत से रिश्ते खोए है उसने,
उसके बाद कही जा कर
खुद को पाया है उसने ।
हजार गमो के बीच मुस्कुरा पाना,
भूखे रह कर भी काम कर पाना,
वो रात रात भर जागा भी है
दिनों में यहाँ से वहां भागा भी है,
भूख प्यास सबको छोड़
काम में लगा रहता था वो,
इतने काम के बीच भी
रिश्तों के लिए वक़्त निकालता था वो,
अपनी मुश्किलों को छोड़
दुसरो की परेशानी सुनता था वो,
जो नही जानता था
क्या होता है रिश्ते निभाना
आज सौ रिश्ते भी संभाल रहा है वो,
बहुत से रिश्ते खोए है उसने,
उसके बाद कही जा कर
खुद को पाया है उसने ।
कहते है कलयुग में सब मतलबी होते है
पर मैंने कलयुग में भी एक अच्छा इंसान देखा है,
खुशनसीब हूँ मैं
जो जानता हूँ उसको,
अपने दोस्त से ज्यादा
अपना भाई मानता हूं उसको,
ए खुदा उसकी हर खवाहिश पूरी करना
उस पर अपनी रहमत बनाये रखना,
दुआ बस इतनी है कि वो बड़ा नाम कमाए,
इतना नामचीन हो
की दुनिया मे उसका नाम जाना जाए ,
आसान नही है उसकी तरह बन पाना
बार बार गिर कर भी संभल पाना,
हज़ार बार गिर कर
खुद को संभाला है उसने
यूँही नही इस जमाने में
अपना नाम बनाया है उसने ।
पर मैंने कलयुग में भी एक अच्छा इंसान देखा है,
खुशनसीब हूँ मैं
जो जानता हूँ उसको,
अपने दोस्त से ज्यादा
अपना भाई मानता हूं उसको,
ए खुदा उसकी हर खवाहिश पूरी करना
उस पर अपनी रहमत बनाये रखना,
दुआ बस इतनी है कि वो बड़ा नाम कमाए,
इतना नामचीन हो
की दुनिया मे उसका नाम जाना जाए ,
आसान नही है उसकी तरह बन पाना
बार बार गिर कर भी संभल पाना,
हज़ार बार गिर कर
खुद को संभाला है उसने
यूँही नही इस जमाने में
अपना नाम बनाया है उसने ।
Behtarin....
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