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Monday, August 27, 2018

FRIENDSHIP POETRY : ISKE ALAWA MUJHE KUCH NAHI CHAHIYE :- AJASHA

this blog is dedicated to one of my dearest friend.
I love your smile dear. so please keep smiling and be happy.
I know I am not very close to you. but I am always there for you.
#friendhip #newbondings

 FRIENDSHIP POETRY : इसके अलावा मुझे कुछ नही चाहिए

अखिर कौन हो तुम
लाखो की भीड़ में भी अलग सी हो तुम
कैसे बताऊँ की आखिर क्या हो तुम,
मेरे अल्फ़ाज़ भी मायूस है
क्योंकि तुम्हे बयान कर पाए ऐसे लफ्ज़ ही नही है ,
मांगा भी है तो बस तुम्हारी खुशी
इसके सिवा किसी चीज़ की जरूरत कहाँ
दिल को सुकून देती है तुम्हारी वो प्यारी सी हँसी,
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हँसी चाहिए
उस चेहरे की मुस्कान कभी कम न हो
वो आंखे कभी नम न हो
इसके अलावा मुझे कुछ नही चाहिए ।


बहुत सी हसीनाओं से मिला हूँ
पर तुम्हे बहुत अलग पाया है मैंने,
तुम्हे अपनी तारीफ नही पसन्द
तुम्हे झुठे वादे
झूठे कसीदे नही पसन्द
तुमसा किसी और को देखा नही है मैंने,
हर हाल में मुस्कुराती हो
उस मुस्कान के पीछे बहुत कुछ छुपा लेती हो,
पर चेहरा सब चीज़े बयान कर जाता है
क्योंकि झूठ बोलना उस चेहरे को कहां आता है,
चेहरे पे रखती हो मुस्कान
ये सोच कर की हर गम छुपा लोगी,
जो चाहते है तुम्हे पूरे दिल से
तुम उनसे अपना दर्द छुपा लोगी,
पर कैसे छुपा पाओगी वो दर्द
जो तुम्हारी आँखों मे दिखता है,
कहां तक बोलोगी झूठ
जबकि सच तो तुम्हारी बातों में दिखता है,
मुझे अपने लिए कुछ नही चाहिए
मुझे उस मुस्कान के अलावा कुछ नही चाहिए,
जो लिखा हो गम उनकी किस्मत में
तो उनके नाम के जगह मेरा नाम आना चाहिए ।
बहुत मुश्किल है तुम्हारे दिल मे जगह बना पाना
उस दिल मे एक छोटी सी जगह हासिल कर पाना,
ऐसा इसलिए क्योंकि तुम जल्दी भरोसा नही करती
बहुत टूटी हो तुम
इसलिए हर किसी को मौका दिया नही करती,
खुशनसीब है वो जो तुम्हारे दिल मे बसते है,
क्योंकि हर किसी को नही मिलता ऐसा मौका
बहुत कम होते है वो लोग जो तुम्हारे मन मे बसते है,
मुझे भी एक छोटी सी जगह चाहिए उस दिल मे,
बन पाऊँ तुम्हारे काबिल
बन कर तुम्हारे लिए थोड़ा सा खास
छोटी सी जगह हासिल कर लूं उस दिल मे,
कभी कभी सोचता हूँ तुम इतनी अलग कैसे हो,
ना कोई उम्मीद
ना कोई चाहत
और ना ही कोई झुठा दिखावा
आखिर तुम इतनी शांत कैसे हो ?
मुझे तुम्हारी यही खूबियां बहुत भाती है
तुम्हारे बोलने का तरीका
ये सादा सा सलीका
मुझे बस तुम्हारी झलक हर जगह नज़र आती है,
मुझे खुद के लिए कुछ नही चाहिए,
पर बन पाऊँ तुम्हारी हँसी का कारण
तुम्हारी इस ख़ुशी के अलावा कुछ नही चाहिए ।


तुम सा भोला नही देखा
देखा है लाखो को
पर तुम सा हसीन नही देखा,
तुम्हे देखता हूँ तो बस देखता रह जाता हूँ,
हसीन और  बहुत समझदार हो तुम
गम बहुत मिला है तुम्हे पर बहुत बहादुर हो तुम
ये खूबी अब नही देखने मिलती
इसलिए तुम्हारे लिए सोचता हूँ तो सोचता ही रह जाता हूं,
ख्वाहिश है कि आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो
हर खुशी हर मुकाम हासिल हो,
मुझे कुछ नही चाहिए
इस नाचीज़ की दुआ है की
मेरे  हिस्से की खुशी भी आपको मिलनी चाहिए ।

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