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Sunday, August 05, 2018

LOVE POETRY : TUMHE SAMAJHTI HUN MAI.. MALE VERSION (ON SPECIAL DEMAND)

LOVE POETRY :तुम्हे समझती हूं मैं....MALE VERSION (ON SPECIAL DEMAND)


बुरा लगता है
जब तुम बात नही कर पाते,
हाँ बुरा तो लगता है
जब तुम मेरी भावनाये नही समझ पाते,
इसलिए बुरा लगता है
क्यों कि हर उम्मीद बस तुमसे है,
मेरी हर ख्वाहिश बस तुमसे है,
पर ऐसा नही है कि
तुम्हारी मुश्किल नही समझती मैं,
ऐसा नही है कि
तुम्हारी कश्मकश देख नही सकती मैं,
तुम पर खुद से ज्यादा भरोसा है,
तुम मुझे जान के दुख नही देते
तुम्हे इतना तो समझती हूं मैं।


परिवार की जिम्मेदारी
है तुम पर,
पूरे घर को संभालते हो तुम,
काम मे उलझ कर,
खाने को भी नजरअंदाज कर देते हो तुम,
कितने भी परेशान हो
कितने भी बीमार हो
सबका ख्याल करते हो तुम,
सबके लिए क्या अच्छा है
हर वक़्त यही सोचते हो तुम,
खुद को वक़्त नही देते
पर सबकी मदद के लिए तैयार हो तुम,
अपनी जिंदगी में खुद के लिए वक़्त नही तुम्हारे पास
पर हर काम के लिए वक़्त निकाल लेते हो तुम,
सुबह से शाम सबकी इच्छाओं को पूरा करते हो
कभी खुद के लिए एक दुआ नही करते तुम ,
ये सब देख सकती हूं मैं,
तुम्हारी हर परेशानी समझ सकती हूं मैं
चाह के भी तुम्हारी परेशानी कम नही कर सकती,
पर तुम्हारी परेशानी ना बनू,
इतना तो जानती हूं मैं,
ज्यादा ना सही
पर इतना तो समझती हूं मैं।


गर्व होता है तुमपे,
की तुम हर रिश्ता संभाल रहे हो,
पैसे कमा कर भी
सादगी से जी रहे हो,
सबके लिए खर्च कर देते हो,
सबकी जरूरते पूरी कर देते हो तुम,
खुद के लिए चार पैसे नही रखते
अपनी हर जरूरत मार देते हो तुम,
कभी कभी सोचती हूँ
खुशनसीब हूँ मैं जो तुम मिले हो,
मेरे लिए मेरे सब कुछ हो तुम,
पर हां बुरा तो लगता है
जब तुम बात नही करते,
हां बुरा तो लगता है
जब तुम वक़्त नही देते,
पर समझती हूँ मैं
की सब सम्भाल रहे हो तुम,
खुद को पीस को
घर चला रहे हो तुम,
समझती हूं मैं की
तुम जान कर कुछ नही करते,
कुछ खास तो नहीं पर
अपना साथ तो दे ही सकती हूं मैं,
तुम्हे हक़ है मशरूफ़ रहने का,
तुम्हे हक़ है बात ना करने का,
बस इतना जान लो कि
हर हाल में तुम्हारे साथ हूँ मैं ।

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