POETRY ON LIFE: वक्त की कमी…
आज वक्त से ज्यादा कीमती कुछ नही है
हर काम जल्दी में करना है
हर चीज़ पा लेना है
चाहे ज़िन्दगी बित जाए घुट घुट के
पर अपनो के साथ वक्त बिताना नही है
कभी सोचा है कि वक्त की कमी क्यों है ?
इंसान इतना विज्ञान जान के भी अंधकार में क्यों है ?
भागता जा रहा है जमाना
कोई पैसा चाहता है तो कोई शांति
हर कोई अपनी ज़िंदगी मे फसा हुआ है
कोई ज़िन्दगी जी नही रहा है
सबको बस अपनी कामयाबी दूसरो को है दिखाना
इस ज़िन्दगी में सबको सब कुछ है पाना,
सबके पास बस एक चीज़ नही है वो है वक्त
सबके लिए अपना वक्त कीमती है
कुछ साल की ज़िंदगी में सब स्वर्ग खोज रहे है
जिंदगी जीने से ज्यादा
उसे बोझ समझ के ढो रहे है,
ऑनलाइन सबको जानते है पर
ऑफ़लाइन किसी को पहचानते तक नही,
एक मशीन ने सबको व्यस्त कर दिया है
अपनो को अपनो से दूर कर दिया है ।
सोचना तो पड़ेगा की कब तक ऐसे जिएंगे
मौत खड़ी है बाहें फैलाये
वक्त की कमी तो सबके पास है
पर कब तक अपनो से दूर रह के ये सब सह पायेंगे ?
©Ajasha
Can relate..nice
ReplyDeleteVery true❤
ReplyDeletethanks
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