It's all about love and feelings

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Monday, July 30, 2018

7/30/2018 06:09:00 AM

LOVE POETRY : PYAAR AASAAN NAHI...

 LOVE POETRY : प्यार आसान नही...

सबसे खूबसूरत एहसास है ये प्यार
कहाँ
कब
कैसे
और किससे होगा
ये कोई नही जानता यार
पर जब भी इसका एहसास होता है
ये दिल बस इश्क़ में खो सा जाता है
हर लम्हा
हर घड़ी
आपने यार की दीदार के लिए मचल जाता है
पर सच ये भी है कि
सच्ची मोहब्बत मिलना आम नही
आज के जमाने में
ये प्यार आसान नही...

लड़का हो या लड़की
सबकी अपनी आस होती है
सबमें अपने आशिक़ को पाने की प्यास होती है
एक लड़की चाहती है
की उसे सच्चा प्यार मिले
उसकी हँसी
उसकी खुशी का ख्याल रखने वाला कोई यार मिले
जिसे वो मिला सके अपने घरवालों से
कोई इस काबिल मिले
ना पैसे की उम्मीद
ना गाड़ी का लालच
ना कोई औऱ जरूरत
बस कोई उठाये उसका हर नखरा
इतना चाहने वाला कोई दिलदार मिले
पर हर किसी के नसीब में ऐसा यार नहीं
आज की मतलबी दुनिया मे
ये प्यार इतना भी आसान नही...

लड़को की उम्मीद भी कहा अलग है
उनको चाहिए ऐसी साथी
जो उनका ख्याल रखे
जो बस हर हाल में
उनको अपना प्यार रखे
लड़को के पास भी दिल है
उस दिल को बहुत संभाल के रखे
लड़के चाहते है कि
लड़की उनके रिश्ते का ख्याल रखे
हम कर देंगे हर काम
हर खुशी देंगे तुम्हे
लड़की बस हमारे परिवार को संभाल के रखे
नही चाहिए जिस्म किसी का
नही चाहिए रूप किसी का
बस हमारे सपनें को संभाल के रखे
पर हर लड़की ऐसी होती नही
हाँ यार सच मे
ये प्यार बिल्कुल आसान नहीं
©Ajasha

Saturday, July 28, 2018

7/28/2018 04:01:00 AM

POETRY ON LIFE : ZINDAGI HAI...

POETRY ON LIFE : जिंदगी है ...


zindagi hai
ये ज़िन्दगी है
किसी के जाने से कहा रुकती है
कोई आये कोई जाए
कोई खोय कोई पाय
ये तो अपनी रफ्तार से चलती रहती है
बहुत लोग मिले
बहुत लोग बिछड़े पर
ये जिंदगी है
ये कहा रुकती है ।
जन्म से लेकर मरण तक
ये किसी की नही होती
तुम लाख कोशिश कर लो पर
ये अपनी रफ्तार नही खोती
कभी खुशी तो कभी आँशु देती है
तुम लाख मिन्नते कर लो इसके सामने
ये कहा सुनती है
भाई साहब ये जिंदगी है
ये कभी नही रुकती है ।
सबसे खूबसूरत पड़ाव है वो पल
जब तुम्हे इश्क़ होता है
जरूरी नही की तुम्हारा इश्क़ मुकक्कमल हो
पर इश्क़ में बिता हर लम्हा
इतना खास होता है
जैसे रांझे को हीर का दीदार हुआ हो
हर लम्हे को खुल के जीना मेरे यार
जैसे ये लम्हा आखिरी लम्हा हो
क्योँकि ये ज़िन्दगी है
ये तो तुम्हारे मौत पे भी नही रुकती है ।
©Ajasha

Friday, July 27, 2018

7/27/2018 02:04:00 AM

POETRY ON LIFE :KAAM JARURI HAI...


POETRY ON LIFE : काम जरूरी है

हर काम जरूरी है

पर इतना नही की सेहत भूल जाओ

हर मुलाकात जरूरी है

पर इतनी नही की खुद की कद्र भुल जाओ

जिंन्दगी का दूसरा नाम ही काम है

पर इसका मतलब ये नही की अपनों को भूल जाओ ।

कॉलेज से निकलते ही सब पूछते है

अब क्या करोगे ?

कब से कमाओगे ?

कब पैसे लाओगे ?

पर ये कोई नही पूछता

की यार काम के बीच मे खाना कब खाओगे ?

अपनी ज़िंदगी कब जी पाओगे ?

पैसे के पीछे भागते भागते

खुद को तो नही भूल जाओगे ?

दौलत जरूरी है ज़िन्दगी में

पर इतनी नही की ज़िन्दगी जीना छोड़ दो

माना हर काम जरूरी है

पर इतना नही की खुद की कीमत भूल जाओ ।

नौकरी हो या कोई पेशा

काम जरूरी है

तो उससे जरूरी है जिंदगी जीने का नशा

आज कमाओगे ये सोच के की

भविष्य में खर्च करोगे

पर ये बताओ मुझे

भविष्य कब आएगा ये कैसे निर्धारित कर पाओगे ?

जिंदगी बस आज है अभी है

कल क्या हुआ और कल क्या होगा ?

इसका जवाब खोज रहे , सभी है

इसलिए हर काम जरूरी है यार

पर इतना नही की खुद को भूल जाओ

हाँ काम जरूरी है

पर इतना नही की जीने का सलीका भुल जाओ ।

©AJASHA

Thursday, July 26, 2018

7/26/2018 10:56:00 PM

LOVE POETRY : KABHI DEKHA HAI...


 LOVE POETRY :  कभी देखा है...

कभी देखा है किसी को
इतना हसीन की आंखे चमक ऊठे
कभी देखा है किसी को
इतना जहीन की रूह छू जाए
कभी देखा है किसी को
इतना खूबसूरत की देखे बिना रहा ना जाये
कभी देखा है किसी को
खुद से ज्यादा किसी और को चाहते हुए
कभी देखा है किसी को
अपनी मासूमियत से सबका दिल जीत लेते हुये
कभी देखा है किसी को
अपने सपनो को पूरा करने के लिए लड़ते हुए
कभी देखा है किसी को
जिसे देख दिल ठहर जाए
कभी देखा है किसी को
जिसे देख आंखे बस रुक जाए


हां मैंने देखा है उस नाजनीन को ।
हां मैंने देखा है उस हसीन को
वो मिल जाये तो कायनात मेरे साथ हो।
©Ajasha

Sunday, July 22, 2018

7/22/2018 12:12:00 PM

LOVE POETRY : WO PAL..


LOVE POETRY : वो पल…

वो पल बहुत खूबसूरत है

जो तुम्हारे साथ बीते है

वो हर लम्हा खास है

हर सेकेंड में एक अलग एहसास है

वो गलियां जहां हम थे

वो अब आम से खास हो गए है,

तुम मेरे साथ थे

यही मेरी खुशी का कारण है

तुम हो तो जिंदगी हसीन लगती है

तुम हो तो हर शाम जवान लगती है

मन करता है तुम्हारे साथ रहूँ

तुम्हे खुश रखूं

तुम्हारी एक हँसी के लिए खुद को कुर्बान करूँ

चलो अपनी ज़िंदगी कुछ ऐसे ही जीते है

आज का हर पल एहम है मेरे लिए

क्योंकि वो तुम्हारे साथ बीते है ।

बारिश में भीगते हुए घूमना हो

या तुम्हारे साथ चाय की चुस्की लेना

हर काम मे खुशी मिलती है

तुम्हारा हाथ थाम सड़को पे चलना हो या

तुम्हे पानी की बूंदों से खेलते देखना

तुम्हारी हर अदा से मन को सुकून मिलता है

तुम्हारी एक मुस्कान के लिए दिल बेचैन होता है

काश तुम्हे हमेशा खुश रख पाता

काश तुम्हारी हँसी का कारण बन पाता

काश तुम्हारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन पाता

पर ये काश काश ही रह जाता है,

तुम्हारी पहले की ज़िंदगी का नही पता मुझे

कैसे लड़को से मिली हो नही पता मुझे

पर मुझे तुम्हारी सोच बदलना है

तुम भी खुश रह सकती हो

तुम भी हंस सकती हो

तुम भी जी सकती हो

अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहन सकती हो

मुझे तुम्हारी बंदिशों को आजादी में बदलना है ।

चलो इसी बात पे कुछ वक्त साथ जीते है

आज के लम्हे खास है मेरे लिए

क्योंकि वो तुम्हारे साथ बीते है…

अब पता नही कब मुलाकात होगी

इस जिंदगी में फिर कब बात होगी

पर चाहता हूं कि ये जान लो

जिंदगी भर ये रिश्ता ये दोस्ती मेरे लिए खास होगी,

बहुत से खूबसूरत पल दिए है तुमने

हँसने के कई मौके दिए है तुमने

पर ये खुशी सिर्फ तुमसे मिलती है

तुम हँसो तो ज़िन्दगी हसती है

भूल जाओ उन पलों को

जो रोते हुए बीते है

हां तुम खास हो मेरे लिए

जो इस जन्म में कुछ वक्त तुम्हारे साथ बीते है ।

©Ajasha

Saturday, July 21, 2018

7/21/2018 10:40:00 PM

POETRY ON FAMILY : MARNA HAI TO...


POETRY ON FAMILY: मरना है तो…


मैंने भी की थी मोहब्बत

बेइंतहा मोहब्बत

जिसकी हद न थी

खुद को तोड़ दिया

सिर्फ उस रिश्ते हो जोडने के लिए,

समय बिता

दिन महीने बन गए

और महीने साल

पूरे 6 साल बाद

उसने छोड़ दिया मूझे किसी और के लिए,

वो एहसास ऐसा था की

ऐसी जिंदगी से मौत भली

मौत को गले लगा लेता हूँ

फिर मां का चेहरा देखा तो लगा

उसके लिए मरु जो इश्क़ करता हो मुझ से

इसलिए ठान लिया

मरना है तो अपनी माँ के लिए ।

एक इश्क़ के लिए उसको कैसे छोड़ दूं

जिसने नौ महीने अपनी कोख में रखा

कैसे रुसवा करूँ उस मां को

जिसने मेरी सलामती के लिए व्रत रखा

कैसे तोड़ दुँ उस मां का दिल

जिसकी सुबह मुझे देख के होती है

जब देखेगी मेरा मरा हूँ तो

क्या बीतेगी उसकी दिल पे

तब सोच लिया मैंने की अब जीना है अपने लिए

अब मरना है तो सिर्फ अपनी माँ के लिए ।

वादा है तुझसे माँ

तेरा नाम रोशन करूँगा

तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँगा

तू घमंड कर पाए मुझपे

खुदको ऐसा बनाऊंगा

तू पूरी दुनिया है मेरे लिए

हाँ मां अब बस जीना है तेरे लिए ।

©ajasha

Friday, July 20, 2018

7/20/2018 11:34:00 PM

FRIENDSHIP POETRY : MOHABBAT CHAHIYE USE...


FRIENDSHIP POETRY :  मोहब्बत चाहिए उसे…

बात हर लड़की की यही है

प्यार करने वाला साथ मिले तो सब सही है

ना दौलत

ना शोहरत

ना बड़ी गाड़ी

ना बंगला

कुछ नही चहिये उसे

वो इश्क़ चाहती है

सिर्फ मोहब्बत चाहिए उसे ।

खुद के पैरों पर खड़ी है वो

कमाना उसे भी आता है

पैसे की लालची नही है वो

खुद को तोहफे दे सके

इस काबिल हो गई है वो

तुमसे सिर्फ इश्क़ की उम्मीद है उसे

इस जालिम दुनिया में

बस मोहब्बत चाहिए उसे ।

हर लड़के से बात नही करती वो

हर लड़के से उम्मीद नही करती वो

जो तुम्हारे लिए रोए कभी वो

तो समझ लेना सब कुछ हो तुम

उसे नजरअंदाज न करना कभी

वो सब कुछ छोड़ समय देती है तुम्हे

दिल नाजुक है उसका

अपनो ने कई बार दिल तोड़ा है उसका

पर फिर भी हर बार खुद को संभाला उसने

अब तुम साथी हो उसके

निराश ना करना उसे

अपनी जिंदगी में बस

मोहब्बत चाहिए उसे ।

©AJASHA
7/20/2018 11:37:00 AM

FRIENDSHIP POETRY : MAJBUR HAI WO...

FRIENDSHIP POETRY :  मजबूर है वो…

वो मजबूर है मेरे दोस्त

वरना उससे ज्यादा

समझदार कोई नही मिलेगा तुम्हे,

ऐसा नही है

की वो समझती नही है

ऐसा नही है कि

उसे किसी की भावनाओं की कद्र नही है

बात बस इतनी है कि मजबूर है वो

वरना उससे ज्यादा

सहनशील कोई नही मिलेगा तुम्हे,

तुम एक बार टूटे होंगे

वो सैकड़ो बार टूटी है

तुम एक बार रोये होंगे

वो हज़ारो बार रोई है

अब साथी हो तुम उसके

समझना उसे

नाजुक है उसका दिल मोम की तरह,

संभालना उसे थोड़ी नादान है वो

बात बस ये है कि मजबूर है वो

वरना उससे ज्यादा

ख़ास कोई नही मिलेगा तुम्हे ।

©Ajasha

Thursday, July 19, 2018

7/19/2018 11:36:00 AM

LOVE POETRY : IS KAABIL NAHI MAI...


LOVE POETRY :  इस काबिल नही मैं…

तेरी तारीफ कर पाऊं

तुझे अपने शब्दो मे बता पाऊं

तेरे आंखों का काजल बन पाऊँ

तेरा हाथ थाम पाऊँ

तेरी हँसी का कारण बन पाऊ

इतना खुशकिस्मत नही मैं

तू रानी है मेरे दिल की

पर तेरे काबिल नही मैं ।

तू शहजादी है अपने परिवार की

तेरी हर ख्वाहिश पूरी होती है,

सबकी चहेती है तू

सबके मन मे बसती है,

बहुत अंतर है हम दोनों में

कपड़े हो या खाना सब बहुत अलग है

तू होटलो की शान है

तेरे कपड़े आलीशान है

मैं होटलो से अनजान

मुझे है ढाबे के खाने की पहचान

कपड़े भी मेरे बेजान,

छोटा सा ख्वाब भी नही देख सकता मैं

तेरे ख्वाब पूरे कर पाऊं

इस काबिल नही मैं ।

तुझसे इश्क़ यूँही रहेगा

तुम किसी की भी हो जाओ

ये दिल तुम्हारा ही रहेगा,

तुम मेरी हो पाती

ये ख्वाब अब बस एक ख्वाब ही रहेगा,

चाह के भी तेरा हो नही सकता मैं

इस ज़िन्दगी में तो तेरे काबिल नही मैं ।

©ajasha

Monday, July 16, 2018

7/16/2018 09:40:00 PM

POETRY ON FAMILY :PARWAAH KARTA HUN TERI...

POETRY ON FAMILY : परवाह करता हूँ तेरी


हमारा रिश्ता बहुत करीब है मेरे दिल के

खून का रिश्ता न सही ये रिश्ते है दिल के

तू बच्चो जैसा है मेरे लिए

तुझमे भोलापन है

तू मासूमियत से भरी हुई है

दिल तेरा नाजुक है कांच जैसा

कैसे किसी को हक़ दे दूं इसे तोड़ने का

आखिर तू परी है मेरी

इसलिए परवाह करता हूँ तेरी |

जानता हूँ काबिल हो गई है तू

अपना ख्याल खुद रख सकती है

जिंदगी के फैसले खुद ले सकती है,

भरोशा खुद से ज्यादा है तुझपे

पर डर तो रहता है ना बच्चा

दुनिया की बुरी नज़र ना पड़े तुझपे,

दुनिया तुझ जैसी साफ दिल वाली नहीं

यहां तरह तरह के लोग है

सिर्फ अच्छे लोग मिले ये जरूरी नही,

इसलिए तेरे लिए फिक्र रहती है मेंरी

दुनिया से बचा के रखना है तुझे

इसलिये परवाह करता हूँ तेरी ।

जिंदगी भर तेरा ख्याल रख सकूँ

इस काबिल नही मैं

एक अनजान आएगा जो ले जाएगा तुझे,

वो अनजान मुझसे ज्यादा खास हो जाएगा

मैं तुझसे दूर , वो तेरे दिल के पास हो जाएगा,

तेरे बिन जीना होगा मुझे,

तुझे देखने के लिए भी इजाजत लेनी होगी

तू दूर चली जायेगी पर मेरा दिल तेरे पास होगा

ये बात डराती है मुझे

की आखिर अपनी बहन से मिलने पर पाबंदी होगी,

जब तक पास है तब तक खुशी चाहता हूं तेरी

क्या करूँ बहन

कितना भी समझा लूं मन को

दिल फिर भी परवाह करता है तेरी ।

©Ajasha
7/16/2018 07:36:00 AM

LOVE POETRY : TUMHARA NAKHRA...

Tumhara Nakhra

LOVE POETRY : तुम्हारा नखरा…


तुम्हारा नखरा बहुत हसीन होता है,

वो मुँह बना के बोलना

छोटी छोटी चीज़ों पर रूठना

वो बार बार जिद करना तेरा

छोटी सी चीज के लिये मान जाना तेरा,

मेरी हँसी का कारण तेरे पास होता है

कसम से तेरा नखरा बहुत खास होता है ।

कभी खाने को ले के ज़िद

तो कभी मिलने के लिए लड़ना तेरा,

कभी खामखाँ मुँह फूलना

तो कभी घर पे लड़ कर मेरे बाहों से लिपट जाना तेरा,

कैसे बताऊ क्या महसूस होता है

बस जान ले

तेरा लड़ना भी बहुत खूबसूरत होता है ।

वादा करता हूँ तुमसे

ज़िन्दगी भर तेरे नखरे यूं ही उठाऊंगा,

ज़िन्दगी किसी भी मोड़ पे क्यों न हो

तुझसे किया हर वादा निभाऊंगा,

कितना पागल हूँ मैं तेरे लिए

कभी अल्फ़ाज़ मिले तो जरुर बताऊंगा,

मेरी जान बस ये जान लो

की तेरे होने से मेरा हर काम होता है

जानेमान तेरा गुस्सा भी कमाल होता है ।

©Ajasha

Sunday, July 15, 2018

7/15/2018 10:07:00 AM

FRIENDSHIP POETRY : TU DUR HAI MUJHSE..


FRIENDSHIP POETRY: तू दूर है मुझसे

आज दूर है तू मुझसे

कुछ किलोमीटर का फासला

आज मिलो में बदल गया है

पर इसका मतलब ये नही की इश्क़ नही है तुझसे,

भावनाये हो या हमारी यादे सब खास है

वो गालियां वो रास्ते

वो लंबी लंबी बातो का दौर

सब का सब जेहन में जिंदा है

नए दोस्त बन रहे है

पर कोई तुझ सा दिल के पास नही है,

खैर जिंदगी अपनी रफ्तार से चल रही है

तू उस अनजान शहर में जी रही है

पेट के लिए खुद को पीस रही है

मुझसे दूर , परिवार से दूर

तू तन्हा रह रही है

जिंदगी मेरी भी वैसी ही है

ना कोई एहसास है ना कोई पास है

तू भी चली गई मुझे छोड़

कैसे कह दूं कि जिंदगी फल रही है ।

आज बहुत दूर हूँ तुझसे

पर दिल का रिश्ता बना हुआ है

तू साथ है इसका एहसास है

इसी एहसास के साथ जीना है अब

पर नही कह सकता कि खुश हूं

मेरी हँसी मेरी खुशी सब है तुझसे

उदास हूं जो तू दूर है मुझसे ।
©Ajasha

Saturday, July 14, 2018

7/14/2018 01:40:00 PM

LOVE POETRY : KAL RAAT NIND NAHI AAI...

LOVE POETRY : कल रात नींद नही आई

kal raat nind nahi aai

कैसे बताऊ तुम्हे की कल रात नींद नही आई

तुम मेरे घर आ रही हो

वो नज़ारा सोच कर मेरी आँखें भर आईं,

कब से इंतेज़ार था इस लम्हे का

कितना बेसब्र था तुम्हारे दीदार का

क्या क्या सपने संजोए मैंने

वो सब कैसे बताऊ किसी को

शर्मशार हो जाता हूँ

अपनी ही ख्वाहिशों को सोच के,

एक परी के इंतेज़ार में घड़ी भी है भरमाई

तुम्हे कैसे बताऊ की कल रात नींद नही आई ,

सूरज से पहले उठ चुका हूं

पंछियों को घोंसलों से निकलता देख रहा हूँ

ये पल है कि कटता ही नहीं

ये दूरी है कि मिटती भी नहीं

एक एक पल सदियों सा लग रहा है

हर बीतता पल

तुम्हे मेरे पास ला रहा है,

अपने मकान को सजा रहा हूँ

हर पत्थर , हर कोना चमका रहा हूँ

ना भूक लग रही है ना कोई प्यास है

जल्दी से तुम्हे देख लूं बस इसकी ही आस है,

गुजरता हर लम्हा मेरी बेचैनी बढा रहा है

तुम्हे देख कर क्या होगा हाल मेरा

ये सोच सोच कर दिल बैठा जा रहा है

आखिर वो लम्हा भी आगया

दरवाजे पे खड़ी हो तुम

तुम्हे सामने देख दिल थम सा गया है, आंखे भर आईं है

आज खूब हँसोगी तुम ये जान के

की मेरी जान कल रात मुझे नींद नही आई है ।

©ajasha

Friday, July 13, 2018

7/13/2018 03:26:00 AM

POETRY ABOUT MYSELF : BAARISH AUR MAI...


barish aur mai

POETRY ABOUT MYSELF: बारिश और मैं

बारिश और मैं साथी हैं

मेरे हसीन पल हो या

मेरी गमगीन राते

सब देखा है इस बारिश ने ।

एक यही तो है जो

पहचानता है मेरे आँशु

एक यही तो है जो सवाल नही करता

ये भी रो पड़ता है जब रोता हूँ मैं

हां ये बारिश ही मेरा साथी है

बहुत कुछ जो किसी ने नही देखा

वो सब देखा है इस बारिश ने ।

©ajasha

Thursday, July 12, 2018

7/12/2018 04:06:00 AM

MOHABBAT MAINE BHI KI THI

Hello World,
this one is very very special for me because this one is based on my own life.
my feelings and my own experiences
mohabbat kabhi maine bhi ki thi is very very special.
must read

SAD POETRY: मोहब्बत मैंने भी की थी


हां कभी मोहब्बत मैंने भी की थी,

कभी मैं भी उन गलियों से निकला

जंहा जाने का इरादा कभी नही था,

कभी मेरा भी दिल धड़कता था

जब उसका नाम महफ़िल में निकलता था,

ना जाने क्या जादू था उसमें

निगाह बस उसपे ही ठहरती थी,

हाँ वो भी कोई दौर था

जब मैंने भी मोहब्बत की थी...

सिर्फ मोहब्बत नही

मैंने अपनी जान उसके नाम की थी

वो खुदा थी मेरी , मेरा संसार थी,

ना जाने वो ऐसे क्यों छोड़ गई

ना चाहते हुए भी रिश्ता तोड़ गई,

क्यों टूटा रिश्ता मेरा

नही पता मुझे

पता नही क्या बात थी,

पर मलाल आज भी है

की तुझसे मोहब्बत की थी,

हां यारो इस दिल ने भी गुस्ताखी की थीं

वो भी जमाना था जब मैंने मोहब्बत की थी ।

©ajasha

Wednesday, July 11, 2018

7/11/2018 01:52:00 PM

KABHI SOCHA HAI TERE BIN KAISE JI RAHA HUN ?

Hello World,
I write to express my feelings and this poem is very close to my heart.
KABHI SOCHA HAI is a sad poetry. this poetry is all about broken heart. 

kabhi socha hai sad poetry


SAD POETRY : कभी सोचा है ?

कभी सोचा है तेरे बिन कैसे जी रहा हूं ?

मेरी दुनिया थी तुम

मेरी हर खुशी हर गम थी तुम

मेरी सुबह मेरी शाम थी तुम

ना जाने कहाँ खो गए तुम

कैसे बताऊं तुम्हे की कैसे जी रहा हूँ

कैसे बयान करूँ अपना हाल,

अपने हर ख्याल में तुम्हे सोच होता हूँ बेहाल,

कभी सोचा है कि मैं कैसै ये दर्द सह रहा हूँ ।

तुम आगे बढ़ गई अपनी जिंदगी में

कोई तरीका मुझे भी बताओ,

नही रहना अब अंधेरों में

मुझे भी जीना है

अब मेरी यादों में आके यूं ना सताओ,

तुम्हें क्या पता मैं यहाँ क्या क्या देख रहा हूं

कभी सोचा है तुमने की मैं कैसे जी रहा हूँ ?

©ajasha

Tuesday, July 10, 2018

7/10/2018 10:40:00 PM

POETRY ON LIFE : NAI SHURUAAT


POETRY ON LIFE : नई शुरुआत

आज एक नई शुरुआत है

दिल के पंछी ने भरी नई उड़ान है,

चाहता है मन की पूरे संसार को अपना बना लूं

पर असम्भव सा लगता है ये

जो चारो ओर धोखेबाजों की भरमात है ।