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Friday, July 20, 2018

FRIENDSHIP POETRY : MAJBUR HAI WO...

FRIENDSHIP POETRY :  मजबूर है वो…

वो मजबूर है मेरे दोस्त

वरना उससे ज्यादा

समझदार कोई नही मिलेगा तुम्हे,

ऐसा नही है

की वो समझती नही है

ऐसा नही है कि

उसे किसी की भावनाओं की कद्र नही है

बात बस इतनी है कि मजबूर है वो

वरना उससे ज्यादा

सहनशील कोई नही मिलेगा तुम्हे,

तुम एक बार टूटे होंगे

वो सैकड़ो बार टूटी है

तुम एक बार रोये होंगे

वो हज़ारो बार रोई है

अब साथी हो तुम उसके

समझना उसे

नाजुक है उसका दिल मोम की तरह,

संभालना उसे थोड़ी नादान है वो

बात बस ये है कि मजबूर है वो

वरना उससे ज्यादा

ख़ास कोई नही मिलेगा तुम्हे ।

©Ajasha

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