this one is very very special for me because this one is based on my own life.
my feelings and my own experiences
mohabbat kabhi maine bhi ki thi is very very special.
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SAD POETRY: मोहब्बत मैंने भी की थी
कभी मैं भी उन गलियों से निकला
जंहा जाने का इरादा कभी नही था,
कभी मेरा भी दिल धड़कता था
जब उसका नाम महफ़िल में निकलता था,
ना जाने क्या जादू था उसमें
निगाह बस उसपे ही ठहरती थी,
हाँ वो भी कोई दौर था
जब मैंने भी मोहब्बत की थी...
सिर्फ मोहब्बत नही
मैंने अपनी जान उसके नाम की थी
वो खुदा थी मेरी , मेरा संसार थी,
ना जाने वो ऐसे क्यों छोड़ गई
ना चाहते हुए भी रिश्ता तोड़ गई,
क्यों टूटा रिश्ता मेरा
नही पता मुझे
पता नही क्या बात थी,
पर मलाल आज भी है
की तुझसे मोहब्बत की थी,
हां यारो इस दिल ने भी गुस्ताखी की थीं
वो भी जमाना था जब मैंने मोहब्बत की थी ।
©ajasha
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